श्री अमरनाथ जी की यात्रा की योजना से जुड़ी अहम जानकारी हासिल करें
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श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा |
हिंदूओं की सबसे पवित्र अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो गई है जो कि 15 अगस्त तक चलेगी। जो भी भक्त बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के दर्शन करना चाहते हैं वे अभी से बैंक में अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। या फिर ऑलनाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं। इसी ब्लॉग पर आपको यात्रा से जुड़ी तमाम जानकारी मिल जाएगा। यात्रा फॉर्म का ऑनलाइन लिंक और ऑफलाइन यात्रा फॉर्म डाउनलोड लिंक दिया गया है।
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अमरनाथ यात्रा पर घोड़े पर सवार श्रद्धालु
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समुद्र तल से 3880 फीट की ऊंचाई पर दुर्गम पहाड़ियों में बाबा अमरनाथ के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा मुस्लिम समुदाय के सहयोग के बिना मुमकिन नहीं। वार्षिक अमरनाथ यात्रा सांप्रदायिक सौहार्द की भी प्रतीक बन चुकी है। आस्था का प्रतीक प्राकृतिक ¨हगलिंग के दर्शनों के लिए श्रद्धालु बेसब्री से अमरनाथ यात्रा के शुरू होने का इंतजार करते हैं, ठीक उसी तरह कश्मीर संभाग के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस यात्रा के शुरू होने का इंतजार करते हैं। पिट्ठू व घोड़े चला कर एकत्रित होने वाली धनराशि ने समुदाय के लोगों के घर पर वर्ष भर चूल्हा जलता है। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के दौरान पंद्रह हजार के करीब मुस्लिम समुदाय के लोग अमरनाथ यात्रा में अपना सहयोग दे रहे हैं। इसमें पिट्ठू, पालकी वाले, घोड़े वाले तथा दुकानदार शामिल हैं।
अमरनाथ यात्रा के दौरान पवित्र हिमलिंग की पूजा अर्चना के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री को स्थानीय मुस्लिम उपलब्ध करवाते हैं। गुफा के पास टेंट लगा कर श्रद्धालुओं के ठहरने का बंदोबस्त भी मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं। अमरनाथ यात्रा गांदरबल जिले के बालटाल तथा अनंतनाग जिले के नुनवान से शुरू होती है। श्रद्धालुओं को इन आधार शिविरों से पवित्र गुफा तक पहुंचाने के लिए उपलब्ध घोड़े तथा पालकी उठाने वाले कंधे मुस्लिमों के हैं। यात्रा के कई पड़ावों पर श्रद्धालुओं को खाने-पीने और नहाने के गर्म पानी की व्यवस्था भी की स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग ही करते हैं। यात्रा के दौरान यदि मौसम खराब होता है तो स्थानीय मुस्लिमों द्वारा स्थापित इन अस्थायी शिविर में श्रद्धालुओं को आसरा दिया जाता है।